जिस कुलपति को छात्रों की समस्या नहीं सुनाई देती उनकी नीदें अजान से 'हराम' हो रही हैं
अजान के कारण इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता श्रीवास्तव की नींद में खलल पड़ रही है. उन्होंने इस समस्या को लेकर ज़िलाधिकारी समेत प्रशासन के कई अधिकारियों को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने कहा कि रोजाना सुबह लाउडस्पीकर से अजान होने के कारण उनकी नींद खराब होती है.
इसके
साथ ही वीसी ने आगे कहा कि रमजान शुरू होने पर पूरे महीने तक रोजाना
लाउडस्पीकर से अनाउसमेंट होंगी, जिससे नींद में और ज्यादा खलल पड़ेगी.
उन्होंने अपनी चिट्ठी में इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश का हवाला भी दिया है.
बता दें कि वीसी संगीता श्रीवास्तव जस्टिस विक्रम नाथ की पत्नी है जो
गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं.
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क्या था इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
अजान
के मामले पर कोर्ट ने 2020 को फैसला सुनाया था. जिसमें कोर्ट ने माना था
कि अजान इस्लाम का धार्मिक भाग है लेकिन लाउडस्पीकर से अजान देना इस्लाम का
धार्मिक भाग नहीं है. इसलिए मस्जिदों के मोइज्जिन यानी (अज़ान देने वाला)
बिना लाउडस्पीकर के अजान दे सकते हैं. कोर्ट ने यह फैसला गाज़ीपुर के सांसद
अफजाल अंसारी व फर्र्रुखाबाद के सैयद मोहम्मद की याचिकाओं को खारिज करते
हुए दिया था.
इससे पहले किसने उठाई थी आवाज़
आपको बता दें कि बॉलीवुड के जाने-माने गायक सोनू निगम लाउस्पीकर को लेकर अपनी परेशानी का इजहार कर चुके हैं. उन्होंने 2017 में एक ट्वीट कर कहा कि ऊपरवाला सभी को सलामत रखे, मैं मुसलमान नहीं हूं और सवेरे अज़ान की वजह से जागना पड़ता है. भारत में ये जबरन धार्मिकता कब थमेगी. सोनू ने आगे लिखा मोहम्मद ने इस्लाम बनाया था तब बिजली नहीं थी, तो फिर मुझे एडिसन के बाद ये शोर क्यों सुनना पड़ रहा है. यह बस एक गुंडागर्दी है. और इसके बाद सोनू विवादों में घिर गए कई लोगों ने उनकी बड़े लेवल पर आलोचना की.
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छात्रों का क्या कहना है
जब इस पूरे मामले को लेकर हमने इलाहाबाद विश्व विद्यालय के छात्र-छात्राओं से बात की तो उनका कहना कुछ अलग है. छात्र राजेश का कहना है कि चांसलर साहिबा को कभी भी छात्रों की परेशानी सुनाई नहीं देती हैं आए दिन छात्र अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहते हैं, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना करती है और यह उसी का असर है कि आज तक यूनिवर्सिटी में महिला छात्रों के लिए पिंक हॉल की व्यवस्था नहीं की गई है.
राजेश ने आगे कहा कि इलाहाबाद विश्व विद्यालय मजहबी नफरतों से परे है, हमेशा गंगा जमुनी तहजीब का एक उदाहऱण रही हैं. इसके पीछे चांसलर साहिबा का अपना निजी स्वार्थ है वह गुजरात हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की पत्नी है और अपने पति के लिए दिल्ली पहुंचने का रास्ता साफ कर रही हैं. ताकि वो जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच सकें.
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source: https://www.molitics.in/article/802/allahadad-univarsity-vice-chancellor-sangita-shriwastva-disturbed-by-ajan
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