बाइक इंश्योरेंस और उसके प्रकार
हर एक बच्चे से लेकर बड़े तक का सपना होता है कि उसके पास अपनी बाइक/स्कूटी
हो. जिस पर वह रोजाना स्कूल जा सके, कॉलेज जा सके, ऑफिस जा सके. इसके
अलावा जैसे जैसे वो बच्चा बड़ा हो जाता वैसे वैसे उसके ये सपने भी बड़े हो जाते
हैं या ये कह लो कि यह उनकी लाइफ का एक इंपोर्टेंट पार्ट बनता जाता है. सपनो को तो
हम लोग सुरक्षित नहीं रख सकते, पर उनको लम्बे समय तक
देखने की कोशिश कर सकते हैं. और बाइक/स्कूटी के सपनो को लंबे समय तक देखने की चाह
रखने या कह लो उनको लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए बाइक इंश्योरेंस बहुत मदद
करता है.
क्या होता है बाइक इंश्योरेंस ?
किसी
व्यक्ति के पास बाइक या टू व्हीलर जो भी हो, चूंकि वो रोड पर चलने वाला वाहन है. और
अक्सर रोड पर चलते समय तरह तरह की दुर्घटनाएं या एक्सीडेंट होते रहते हैं. जिसमें
बाइक चालक और बाइक दोनों को चोट लगने का खतरा बना रहता है. जिसका खर्च काफी ज्यादा
होता है. ऐसे में एक्सीडेंट के रूप में होने वाले नुकसान का खर्च यदि आप अपनी जेब
से करते हैं तो इसका आपकी जेब पर, आपके बजट पर, आपके घर की आर्थिक स्थिति पर काफी असर
पड़ता है. फिर चाहें वो वो खर्च गाड़ी को रिपेयर कराने के रूप में हो या बाइक चालक
को लगने वाली चोट के रूप में या दोनों को ही ठीक करने में आने वाला खर्च. क्योंकि
ये खर्च छोटे से लेकर बहुत बड़े खर्च तक हो सकते हैं. पर
"यदि ऐसे
में आपके पास बाइक/टू व्हीलर का इंश्योरेंस होता है तो एक्सीडेंट से होने वाले
सभी नुकसान का खर्च बाइक इंश्योरेंस कंपनी देती है". फिर चाहे वो खर्च बाइक को लगने वाली
चोट का हो या आपके शरीर पर लगने वाली चोट के इलाज का हो, या दोनों की चोट का हो, या फिर अपनी बाइक या वाहन से किसी और
(थर्ड पार्टी ) को लगने वाली चोट का खर्च हो.
बाइक
इंश्योरेंस कितने प्रकार के होते हैं ?
बाइक
इंश्योरेंस दो प्रकार के होते हैं-
1. थर्ड
पार्टी इंश्योरेंस
2. कॉम्प्रिहेन्सिव
इंश्योरेंस
1. थर्ड
पार्टी इंश्योरेंस में यदि दो गाड़ी (आपकी और सामने वाले की गाड़ी) की आपस में टक्कर या
एक्सीडेंट हो जाता है तो ऐसे में इंश्योरेंस कंपनी आपको या आपकी गाड़ी को होने
वाले नुकसान को तो कवर नहीं करती लेकिन "सामने वाले बाइक सवार को दुर्घटना
में आई शारीरिक चोट, उसकी मृत्यु हो जाने पर या इसके अलावा किसी ओर तरीके से उसकी संपत्ति को
होने वाले नुक़साम को इंश्योरेंस कंपनी जरूर कवर करती है". इस इंश्योरेंस को
किसी बाइक या वाहन का बेसिक इंश्योरेंस भी कहलाता है,
2. कॉम्प्रिहेन्सिव
इंश्योरेंस में "कोई रोड एक्सीडेंट या दुर्घटना होने पर सामने वाले बाइक सवार को
होने वाले नुकसान को तो वह इंश्योरेंस/बीमा कंपनी कवर करती ही करती है इसके अलावा
वो आपको और आपके वाहन को लगने वाली चोट को ठीक करने में होने वाले खर्च को भी कवर
करती है". इस रूप में इंश्योरेंस कंपनी आपको और आपके अलावा थर्ड पार्टी दोनों
को होने वाले सारे नुकसान को कवर करने का काम करती है. इसके अलावा "बाइक का
चोरी होने के रूम में होने या उसमे आग लगने के रूप में होने वाला नुकसान भी
कॉम्प्रिहेन्सिव इंश्योरेंस के अंदर कवर होता है". इसलिए किसी भी बाइक चालक
या वाहन मालिक को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की जगह पर कॉम्प्रिहेन्सिव ही लेना चाहिए
ताकि किसी तरह की दुर्घटना या नुकसान होने पर अपनी जेब से किसी प्रकार कोई पैसा न
लगे.
नोट:- भारत में बाइक इंश्योरेंस कानूनन अनिवार्य है. यानी
अगर आपके पास कोई बाइक या टू व्हीलर है तो उसका इंश्योरेंस कराना अनिवार्य है. अगर
आप बिना इंश्योरेंस के बाइक रोड पर लेकर जाते है तो आपके ऊपर क़ानूनी कार्यवाही भी
हो सकती है.
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