Arun Kumar Mishra Upsidc - हम दुनिया में सबसे अच्छे जुगाड़ू हैं

Mar 25, 2014
1245 Views
साधो, शादी का पहला साइड इफेक्ट तो यही है कि दोबारा दूल्हा बनने का चांस जाता रहता है। इसीलिए लोग अब जिंदगी और राजनीति, दोनों में गठबंधन को प्रमुखता देने लगे हैं। यानी लिव इन रिलेशन को। जब तक दिल ने चाहा, साथ रहे, नहीं तो अलविदा कह दिया। वहां नहीं पटी, तो गलबहियां तीसरे के। कई-कई तो चौथे, पांचवें और छठे पर भी दांव लगाने को कमर में अंगोछा बांधे तैयार खड़े रहते हैं। उस दिन राजनीति के पुराने खुर्राट मित्र हाथ आ गए। बोले, इस पहले रिश्ते में अब कुछ बचा नहीं। यह डूबता जहाज है। जितनी जल्दी हो, इससे उतरने में भलाई है। पर जाऊं कहां? दूसरे में जाता हूं, तो 'हर-हर नमो’ जपना होगा। तीसरे में जाने पर धर्मनिरपेक्षता का गमछा गले में डालना होगा।

मैंने कहा, यह तो कई खिड़कियों और बिना दरवाजे वाली बड़ी हवेली है। इसमें आवाजाही के लिए किसी की आज्ञा नहीं लेनी पड़ती। आप कहीं से भी मुंह छिपाकर घुस जाइए। वहां और भी पुराने चेहरे मिलेंगे, जो तथाकथित सांप्रदायिक होने के बाद ताजा-ताजा धर्मनिरपेक्ष हुए हैं। पर आप दूसरे गठजोड़ में क्यों नहीं जाते? वह बोले, वहां चिराग जलने लगा है। उसके पिता से मेरा छत्तीस का आंकड़ा है।

पर उसके पिताजी तो सांप्रदायिकता के खिलाफ नंगी तलवारें भांजता था, मैंने तर्क किया। लेकिन अब वह मोदी के बंटी हैं। मोदी की आंधी में उनके दीये के रोशन होने से पहले बुझने का खतरा था। कोई बाप नहीं चाहेगा कि उसका कुलदीपक गुल हो जाए।

राजनीति के केंद्र में कभी देश होता था, आज खानदान के चिराग हैं। देश सिकुड़ कर चिराग की बत्ती में तब्दील हो गया है। इसे छोड़ो, उसे पकड़ो, यही नए जमाने की जुगाड़ पॉलिटिक्स है। हम दुनिया के सबसे बेहतर जुगाड़ू हैं। सर्कस के जोकरों की तरह हममें कई-कई लट्टुओं से एक साथ खेलने की क्षमता है। हमारे राजनेताओं को जुगाड़ का फॉर्मूला पेटेंट करा लेना चाहिए। डर है कि हमारी जुगाड़ू तकनीक काली मिर्च का स्प्रे छिड़ककर कहीं कोई मुफ्त में ही न उड़ा ले।

2 people like it
avatar avatar
Comments
avatar
Please sign in to add comment.