जानिए कुंडली द्वारा कब होगी आपकी शादी, क्यों हो रही है देरी और कारण
शादी विवाह जीवन का वह पड़ाव है जहां से जीवन का अलग ही रंग दिखाई देने लगता है. शादी विवाह को लेकर हम सभी लोग काफी भागदौड़ भी करते हैं एक अच्छे रिश्ते की तलाश सभी को रहती है. ऎसे में विवाह ज्योतिष इस में हमारी बहुत मदद कर सकता है. विवाह ज्योतिष के द्वारा पता लगाया जा सकता है की शादी के लिए सबसे अच्छा समय कब होगा और कब हम अपने सोलमेट को पाने में सफल होंगे.
किसी व्यक्ति की शादी कब होगी यह कोई ऐसी स्थिति नहीं जिसे हम सही से नहीं जान सकते हैं हमें बस आवश्यकता होती है एक सही मार्गदर्शन की जिसे अधिकांश लोग ले नहीं पाते हैं. शादी से जुड़े हर प्रश्न का उत्तर आपकी ही जन्म कुंडली में छुपा होता है, इसी कारण से इसके लिए विवाह ज्योतिष की भूमिका को गहनता से जान लेना बहुत जरूरी है और साथ ही एक योग्य ज्योतिषी की मदद लेना भी बहुत आवश्यक होता है.
कुंडली के उचित विश्लेषण से ही आप अपनी शादी का निर्णय नहीं ले सकते हैं. आपके लिए जरूरी है कि आप अपनी कुंडली को अच्छे से जानें. आपकी कुंडली का हर भाव आपके विवाह के सुख को दिखाने वाला होता है. वहीं इनमें से कुछ भाव ऎसे हैं जो आपके विवाह के समय को बताने वाले होते हैं. तो चलिये आइये जान लेते हैं वह कुछ बातें जो बताती हैं कि आखिर शादी कब हो सकती है, विवाह में दिक्कत, देरी, परेशानी जैसी बातों के कारण क्या हैं :-
शादी में देरी के क्या कारण हैं?
कई बार रिश्ते की खोज में लगातार मिलने वाली निराशा इतना परेशान कर देती है कि यह सब बहुत ही थका देने वाला और निराशाजनक भी बन जाता है. ऐसे में मन में प्रश्न उठ सकता है कि आखिर शादी में देरी के क्या कारण हैं?, तो इस बात को आपकी कुंडली स्पष्ट रूप से बताती है. कुंडली में सातवां भाव विवाह का घर कहलाता है. जीवन साथी कैसा होगा इसकी जानकारी के लिए सप्तम भाव का सूक्ष्म विश्लेषण बहुत जरुरी होता है. सप्तम भाव का स्वामी, सप्तम भाव के स्वामी पर अन्य ग्रहों का प्रभाव. सातवें भाव पर ग्रहों की दृष्टि, सातवें भाव का स्वामी कुंडली में कहां बैठा हुआ है और वर्ग कुंडली में उसका क्या हाल है. यह बातें जान कर विवाह में देरी का कारण पता लगाया जाता है.
उदाहरण के लिए अगर कुंडली में सातवें भाव का स्वामी आठवें भाव में बैठ जाए, बारहवें भाव छठे भाव या दूसरे भाव में चला जाए. इसी के साथ अष्टम भाव का स्वामी सप्तम भाव के साथ राशि
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