क्या समान राशि वालो का विवाह संभव है?

जब एक ही राशि अथवा नक्षत्र के लड़का लड़की विवाह के बंधन में बंधते हैं, तो कुछ समय में उन्हें पता चलता है की उनके स्वभाव के अच्छे एवं बुरे पहलु भी साथ साथ बढ़ने लगते हैं। आप दोनों एक जैसी शक्ति एवं गुणों को दर्शाते हैं। एक जैसी ज़रूरतों की इच्छा ज़ाहिर करते हैं। और तो और एक जैसे सांसारिक दृष्टिकोण को ज़ाहिर करते हो जो की आपके भूत एवं वर्तमान के तज़ुर्बों पर निर्धारित होता है। एक ही राशि एवं नक्षत्र के दंपत्ति एक जैसे सवभाव के लिए भी जाने जाते हैं।
आइये जानते हैं लव मैरिज एवं अरेंज्ड मैरिज/Love marriage or Arrange Marriage के बारे में – लव मैरिज के मामले में, दंपत्ति अक्सर एक जैसे सोच रखने वाले होते हैं लगभग हर पहलुओं में दोनों की सोच एक समान रहती है। और उनका एक दुसरे की ज़िन्दगी में दुख एवं खुशियों में बराबर की भागीदारी होती है। किन्तु वह समस्याओं के हल निकालने के प्रयास में ज्यादा तत्पर होते हैं, न की कभी न ख़त्म होने वाली बहस करने में।
राशियों की अनुकूलता आखिर होती क्या है?
राशि की अनुकूलता एक ऐसी बुनियाद है जिस पर एक शादी अथवा रिश्ता खड़ा होता है। विवाह करने के कई कारण हो सकते हैं, जल्दबाज़ी, सोच समझकर लिया फैसला, और कई बार कोई ख़ास कारण। हर स्थिति में अनुकूल जीवनसाथी विवाह में कलह कलेश अथवा वाद विवाद से दूर रहने में मदद करता है। जैसा की हम सब जानते ही हैं की असम्मति एवं असमन्वय ही एक रिश्ते के टूटने का कारण होता है। तो राशि की अनुकूलता देख कर किया विवाह रिश्ते के लम्बे एवं सही चलने की मज़बूती का निर्धारण कर सकता है। ऐसा मुमकिन है की एक दंपत्ति अलग अलग राशि से सम्बंधित हों। लेकिन क्या होता है जब लोग एक ही राशि से हों? आइए इस पर प्रकाश डालते हैं।
क्या राशि लव अनुकूलता का पता किया जा सकता है?
जी हाँ। आप राशि लवअनुकूलतासाधन का प्रयोग कर सकते हैं। यह उपकरण बेहतरीन है, क्योंकि यह बताता है की क्या आपका निर्धारित रिश्ता आपको हर मायने से सूट करता है या क्या आप इस रिश्ते के लिए बने हैं। एक और साधन है जिसे लव कम्पैटिबिलिटी कैलकुलेटर/Love Compatibility Calculator कहते हैं। इसकी मदद से आप देख सकते हैं की आप अपने पार्टनर आपके लिए कितना अनुकूल है या आप दोनों के बीच कितनी बनती है।
राशि चक्र के हर एक अंश की कोई न कोई कमज़ोरी अथवा ताकत ज़रूर होती है। ठीक इसी प्रकार इनका प्रभाव उन दम्पत्तियों की ज़िन्दगी पर देखा जा सकता है जिनकी राशि एक होती है। चूंकि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी प्रकार हर अच्छी चीज अपने साथ कुछ अच्छे और बुरे अनुभव लाती है। आइए इससे संबंधित कुछ समस्याओं के बारे में चर्चा करते हैं।
क्या एक नक्षत्र एक दम्पत्तियों में नाड़ी दोष होता है?
कभी कभी आप कह सकते हैं की एक लड़का या एक लड़की की जन्म के समय यदि एक राशि हो, किन्तु अलग नक्षत्र, तो शादी पर विचार किया जा सकता है, क्योंकि ऐसे स्थिति में नाड़ी दोष/Nadi Dosh नहीं माना जाता। लेकिन सभी पहलुओं को, जैसे की षडाष्टक योग, जो की राशि तथा लग्न देवताओं का मेल है, गन मैत्री, राज योग, और कही दुसरे योग, जीवन योग, तलाक योग, इत्यादि को कुंडली में अच्छे से अवश्य देख लेना चाहिए। किसी भी सूरत में, हमें कुंडली मिलान/Kundli Milan को नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि विवाह की अनुकूलता का यही सबसे सही तरीका है। एक बार यहाँ से हरी झंडी मिलने पर ही आगे के लिए विचार करना सही होता है। शादी के बारे में सही भविष्यवाणी केवल कुंडली मिला कर ही की जा सकती है। जो एक वैदिक ज्योतिष के द्वारा ही संभव है।
क्या होगा यदि एक दंपत्ति का बुरा गोचर पहर साथ में चल रहा हो?
दूसरी बड़ी समस्या एक राशि वाले दम्पत्तियों में देखि जा सकती है जब उनके अच्छे समय में उन्हें दूगनी खुशियां पाने का मौका मिलता है। उन्हें उस दौरान दोहरी खुशियां मिलती है, लेकिन जब दुख का समय आता है तो समय की दोहरी मार लेकर आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गोचर दोनों के लिए एक जैसा एक समय में ही होता है। उदाहरण – पति पत्नी में से एक के यदि अष्टम शनि गोचर में हों, तो दोनों के लिए दशा बुरी ही होगी। इसके अतिरिक्त यदि पति या पत्नी के कुंडली में से कोई भी दीर्घायु योग नहीं दिखाते, तो यह योग दोनों में से एक के लिए अत्यंत घातक साबित हो सकता है।
इसके विपरीत, अगर पत्नी की कुंडली में पति की दीर्घायु योग है और एक अच्छी दशा चल रही हो, तो इसके शुभ प्रभाव के चलते, पति के जीवन से अष्टम शनि गोचर/Saturn Transit दशा का खतरा टल जाता है। ज्यादा से ज्यादा कोई स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए जब भी एक ही राशि के दम्पत्ति की कुंडली पर विचार करें, तो यह ज़रूर देखें की दोनों दम्पत्तियों में से एक की कुंडली अच्छे योगों से प्रचुर हो और हर तरह से शुभ फलदायक हो। गोचर दशा पर दशभुक्ति एक मरहम का कार्य कर सकती है।
सम्बंधित ब्लॉग: प्रेम विवाह समस्या का पा सकते हैं ज्योतिष समाधान, डॉ विनय बजरंगी ने बताया तरीका
क्या नक्षत्रों का विवाह मिलान में कोई योगदान होता है?
दोनों साथी एक ही तरह की परेशानी का सामना करते हैं यदि एक दोनों की कुंडली में नक्षत्र एक हो। दंपत्ति का अलग नक्षत्र अथवा एक ही नक्षत्र के अलग भाव से होना विवाह के लिए अनिवार्य होता है। गुणों की गणना के समय, लड़के के जन्म नक्षत्र लड़की के जन्म नक्षत्र/Janam Nakshatra के पीछे होने चाहिए। अश्वनी नक्षत्र में पैदा हुआ लड़का, भरनी नक्षत्र में पैदा हुई लड़की से विवाह कर सकता है। लेकिन इसका विपरीत होना मुमकिन नहीं है। जिसका अर्थ है, यदि लड़का भरनी नक्षत्र का हो और लड़की अश्वनी की तो विवाह योग त्रुटिपूर्ण बनता है और विवाह में अड़चन आती है।
इसके अतिरिक्त, एक ही नक्षत्र वालों के विवाह को दंपत्ति के लिए शगुनकारी नहीं समझा जाता। रोहिणी नक्षत्र में पैदा हुए दंपत्ति को कभी विवाह बंधन में नहीं बंधना चाहिए। यदि लड़के के नक्षत्र चरण लड़की के नक्षत्र चरण से पहले आएं, तो उन्हें विवाह के बारे में विचार नहीं करना चाहिए। एक और विचारधारा के अंतर्गत विवाह से जुड़ी भविष्यवाणी करने में नक्षत्र मिलान को देखा जा सकता है। इसके अनुसार, रोहिणी, अरुद्रा, माघ, हस्था, विसाका, श्रवण, उत्तर भाद्र शादा, रेवती नक्षत्र विवाह के लिए अति उत्तम सिद्ध होते हैं, चाहे दोनों के एक ही नक्षत्र हों। पूर्वाफाल्गुनी, अश्विनी, कृतिका, मिरगासिरा, पुनर्वसु, पूसा, चित्र, उत्तरफाल्गुनी, अनुराधा, उत्तरशादा बहुत अच्छे नहीं होते। भरनी, अश्लेषा, स्वाति, धनश्टा, पुनर्भाद्रेपदा, मुला, सदबिशाक नक्षत्र बिलकुल भी सही नहीं माने जाते। इस प्रकार, कुंडली मिलान में दंपत्ति के लिए नक्षत्रों का एक बहुत ही ख़ास भूमिका है।
Source :- https://www.vinaybajrangi.com/blog/marriage/saman-rashi-walo-ka-vivah
Comments